Tabassum

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बेपनाह मुहब्बत


बेपनाह मुहब्बत

हाँ मुझे तुमसे 
मुहब्बत है बेपनाह।
 मैंने प्यार किया है तुमसे सदियों से।
 जब तुम रांझा बने मैं
 हीर बनी, जब तुम कृष्ण
 बने मैं तेरी राधा बनी।
मैं तेरा इंतजार करती रही, 
देखती रही चुपचाप 
तेरे पैरों के जाते हुए निशान 
और इंतजार करती रही तेरे आने की पदचापों के आहट की।
 गौतम बन कर मुझे सोता छोड़ गए थे, 
तभी से असंख्य लौ इंतजार कि मैं जलाए बैठी हूं अपने हृदय में
 कि कभी तो तुम लौटोगे ।
मेरा मान रखोगे ।
और आज जब विवाहोपरांत तुम कहते हो लो इंतजार खत्म हुआ तुम्हारा,
नहीं कोई इंतजार खत्म नहीं हुआ मेरा ।
बल्कि यह तो पराकाष्ठा है प्यार की , और वेदना है प्यार के शुरुआत की।
 हां मैंने तुमसे बेपनाह प्यार किया है जन्म जन्म से और करती रहूगीं जिन्दगी भर सदियों भर,
युगयुगान्तर तक।


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8 Comments

Mohammed urooj khan

16-Oct-2023 01:34 AM

👌👌👌👌

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RISHITA

15-Oct-2023 07:02 AM

V nice

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zoom gaming

15-Oct-2023 12:00 AM

👍🏻👍🏻

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